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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
अवशिष्ट पूर्णिमाओं के साथ कुल एवं उपकुल का योग कहा गया है, कुलोपकुल का नहीं कहा गया है।
हे भगवन्! श्रावणी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है? हे गौतम! दो नक्षत्रों का योग होता है - अश्लेषा और मघा। हे भगवन्! भाद्रपदी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है? हे गौतम! इसके साथ पूर्वाफाल्गुनी एवं उत्तराफाल्गुनी - इन दो नक्षत्रों का योग होता है।
हे भगवन्! आसोजी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है? __ हे गौतम! आसोजी के साथ हस्त एवं चित्रा, कार्तिकी के साथ स्वाति एवं विशाखा, मार्गशीर्षी के साथ अनुराधा, ज्येष्ठा और मूल, पौषी के साथ पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा, माघी के साथ अभिजित, श्रवण और धनिष्ठा, फाल्गुनी के साथ शतभिषक, पूर्वभाद्रपदा तथा उत्तरभाद्रपदा, चैत्री के साथ रेवती और अश्विनी, वैशाखी के साथ भरणी एवं कृत्तिका, ज्येष्ठामूला के साथ रोहिणी एवं मृगशिर तथा आषाढ़ी अमावस्या के साथ आर्द्रा, पुनर्वसु तथा पुष्य - इन तीन नक्षत्रों का योग होता है।
हे भगवन्! श्रावणी अमावस्या के साथ क्या कुल, उपकुल या कुलोपकुल का योग होता है?
हे गौतम! श्रावणी अमावस्या के साथ कुल एवं उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का नहीं। कुल योग के अन्तर्गत मघा तथा उपकुल योग के अन्तर्गत अश्लेषा नक्षत्र का योग होता है।
इस प्रकार अमावस्या कुल एवं उपकुल से युक्त होती है। हे भगवन्! क्या भाद्रपदी अमावस्या के साथ कुल एवं उपकुल का योग होता है?
हे गौतम! इसके अन्तर्गत कुल योग में उत्तराफाल्गुनी एवं उपकुल के अन्तर्गत पूर्वाफाल्गुनी का योग होता है।
इस प्रकार भाद्रपदी अमावस्या यावत् इन दोनों से युक्त होती है।
मार्गशीर्षी अमावस्या के साथ कुल योग के अन्तर्गत मूल नक्षत्र का, उपकुल योग के अन्तर्गत ज्येष्ठा तथा कुलोपकुल के अन्तर्गत अनुराधा नक्षत्र का योग होता यावत् यह अमावस्या इनसे युक्त होती है। ____ माघी, फाल्गुनी तथा आषाढी अमावस्या के साथ कुल, उपकुल और कुलोपकुल का योग होता है। अवशिष्ट अमावस्याओं के साथ कुल एवं उपकुल का ही योग होता है।
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