________________
१७७
- यवमध्य एवं वज्रमध्य चंद्रप्रतिमाएँ kakakiratrikakakakakkakkakkakkakkarakarmikkakkakareer पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पण्णरस पाणगस्स पडिगाहेत्तए, सव्वेहि दुप्पयचउप्पय जाव णो लभेजा णो आहारेज्जा, पुण्णिमाए अभत्तट्टे भवइ, एवं खलु एसा वइरमज्झा चंदपडिमा अहासुत्तं अहाकप्पं ज़ाव अणुपालिया भवइ॥२६९॥
कठिन शब्दार्थ - जवमझा - यवमध्या, चंदपडिमा - चन्द्रप्रतिमा, वइरमझा - वज्रमध्या, णिच्चं - नित्य - सदा दिन-रात, मासं - एक मास पर्यन्त, वोसट्टकाए - व्युत्सृष्ट काय - शरीर के प्रति ममत्व रहित, चियत्तदेहे - त्यक्त देह - शरीर पर होने वाले उपसर्गों और परीषहों से अतीत, सर्वथा दैहिक चिन्ता रहित, परीसहोवसग्गा - परीषह एवं उपसर्ग, समुप्पजति - उत्पन्न हों, दिव्या - देव संबंधी, माणुस्सगा - मनुष्य संबंधी, तिरिक्खजोणिया - तिर्यंच जीव संबंधी, अणुलोमा - अनुकूल - प्रीतिकर, पडिलोमा - प्रतिकूल - अप्रीतिजनक, वंदेज - वंदना करे, णमंसेज- - नमस्कार करे, सक्कारेज - सत्कार करे, संमाणेज - सम्मान करे, कल्लाणं - कल्याण कर, मंगलं - मंगलमय, देवयं - धर्मदेवस्वरूप, चेइयं - चैत्य - ज्ञानस्वरूप, पजुवासेजा - पर्युपासना करे - . भक्तिभाव प्रकट करे, अण्णयरेणं - अन्यतर, दंडेण - दण्ड - लट्ठी द्वारा, अट्ठीण - हड्डी से बने प्रहारक साधन द्वारा, जोत्तेण - जोत - गाय, बैल आदि पशुओं को ताड़ित करने हेतु प्रयुक्त मोटे रस्से द्वारा, वेत्तेण - बेंत द्वारा, कसेण - चमड़े से बने चाबुक द्वारा, आउट्टेजा - ताड़ित करे या पीटे, ते - उन, सव्वे - सब, उप्पण्णे - उपस्थित, सम्म - सम्यक् - मनोमालिन्य रहित भाव से, सहइ (सहेजा) - सहता है, खमइ - क्षमा करता है, तितिक्खेइ - तितिक्षा - निर्जरा के भाव से सहन करना है, अहियासेइ - निश्चलभाव से सहन करता है, सुक्कपक्खस्स - शुक्ल पक्ष, पाडिवए - प्रतिपदा - एकम, भोयणस्स - भोजन की, पाणस्स - पानी, सव्वेहिं - सब, दुप्पयचउप्पयाइएहिं - द्विपद - चतुष्पद - दो पैर वाले तथा चार पैर वाले, आहारकंखीहिं - आहार के इच्छुक, सत्तेहिं - सत्व-प्राणी, पडिणियत्तेहिं - प्रतिनिवृत्त - लौट गए हो, अण्णायउंछं - अज्ञात-उञ्छ - अज्ञात स्थान से, सुद्धोवहडं - शुद्धोपहृत - देने के लिए उठाया हुआ निर्दोष आहार, णिजूहित्ता - वर्जित कर, समण - श्रमण - शाक्य या बौद्ध भिक्षु आदि, माहण - भिक्षावृत्तिक ब्राह्मण, अइहि - अतिथि - बिना सूचना के पहुँचा हुआ व्यक्ति, किवण - कृपण - दीन-दरिद्र, वणीमगा - वनीपक - याचक, गुठ्विणीए - गर्भवती, बालवत्थाए - बालवत्सा - छोटे बच्चे की माँ, दारगं - बच्चे को, पेजमाणीए - दूध पिलाती हुई, अंतो - भीतर, एलुयस्स
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org