________________
• रुग्ण भिक्षुओं को गण से बहिर्गत करने का निषेध *******************kaxxxaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaart
पारंचियं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पड़ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिज्जं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥४८॥
खित्तचित्तं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥४९॥ ___दित्तचित्तं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५०॥ . .. __ जक्खाइटुं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णाम ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५१॥
उम्मायपत्तं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिज्जूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५२॥
उवसग्गपत्तं भिक्खू गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५३॥
साहिगरणं भिक्खू गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५४॥ .. सपापच्छित्तं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स णिजूहित्तए, अगिलाए तस्स करणिजं वेयावडियं जाव तओ रोगायंकाओ विप्पमुक्को, तओ पच्छा तस्स अहालसए णामं ववहारे पट्टवियव्वे सिया॥५५॥
भत्तपाणपडियाइक्खित्तं भिक्खं गिलायमाणं णो कप्पइ तस्स गणावच्छेइयस्स
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org