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श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्न माला का १२६ वा रत्न
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त्रीणि छेदसूत्राणि
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(दशाभुतस्कन्ध सूत्र, बृहत्कल्प सूत्र, व्यवहार सूत्र) (शुद्ध मूल पाठ, कठिन शब्दार्थ, भावार्थ एवं विवेचन सहित)
- अनुवादक एवं विवेचक -
प्रो० डॉ० छगनलाल शास्त्री एम, ए. (त्रय), पी. एच.डी., काव्यतीर्थ, विद्यामहोदपि डॉ० महेन्द्रकुमार रांकावत
बी.एस.सी. एम. ए., पी. एच. डी.
सम्पादक नेमीचन्द बांठिया पारसमल चण्डालिया
-प्रकाशकश्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर
शाखा-नेहरू गेट बाहर, ब्यावर-305901 ® (01462) 251216, 257699 फेक्स नं. 250328
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