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१४८ १५२ १५२ १५३ १५३ १५३
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१५४ १५५ १५५. , १५५
कं० विषय । . ३२. दर्शन सम्यक्त्व का पाठ ३३. कायोत्सर्ग का पाठ (१२५ अतिचार) ३४. एक सौ पच्चीस अतिचारों का समुच्चय पाठ ३५. पहले महाव्रत की पाँच भावना ३६. दूसरे महाव्रत की पाँच भावना ।
तीसरे महाव्रत की पाँच भावना ३८. चौथे महाव्रत की पाँच भावणा ३९. पाँचवें महाव्रत की पाँच भावना ४०. छठे व्रत की दो भावना ४१. ईर्या समिति के चार अतिचार ४२. भाषा समिति के दो अतिचार ४३. एषणा समिति के सैंतालीस अतिचार
____“उद्गम के सोलह दोष
उत्पादना के सोलह दोष एषणा के दस दोष
' माण्डला के पाँच दोष ४४. आदन-भाण्ड मात्र (अर्थात् पात्र शेष सबका ग्रहण भण्ड शब्द से)
निक्षेपणा समिति के दो अतिचार ४५. उच्चार पासवण खेल जल्ल सिंघाण परिट्ठावणिया समिति के दस अतिचार ४६. गुप्ति के नौ अतिचार ४७. पाँच महाव्रत की पच्चीस भावनाओं का विस्तार
प्रथम महावत की ५ भावनाएं दूसरे महावत की पाँच भावनाएं तीसरे महाव्रत की पाँच भावनाएं चौथे महाव्रत की पाँच भावनाएं
पांचवें महावत की पांच भावनाएं ४८. मूल गुण आदि का पाठ
पाठ
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१६० १६० १६१ १६२ १६२ १६५ १६७ १७० १७२
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