________________
जैन श्रमणी परम्परा : एक सर्वेक्षण क्षमता के अनुसार उनके अधिकारों को देने का साहस करें। सभी जैन परम्पराओं के चतुर्विध संघ इस धर्म विपरीत, लोक विपरीत आचरण पर प्रतिबन्ध लगाकर जैन धर्म की सात्विकता और गरिमा को बनाये रखने में अपना सहयोग दें। इस शोध प्रबन्ध का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है और श्रमणियों का गरिमापूर्ण इतिहास इस क्रान्तिकारी परिवर्तन की अपेक्षा भी रखता है।
37
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org