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- ( दोस) 3 / 1] । छिम्झइ (विज्झइ ) व कर्म 3 / 1 सके श्रनि । निरावराहो ( निरवराह ) 1 / 1 वि। साहु ( साहु) 1 / 1 प्रागे संयुक्त अक्षर (व्व) के प्राने से दीर्घ स्वर ह्रस्व स्वर हुआ है । व्य (प्र) = जैसे । असा संगेण [ ( साहु ) - ( संग ) 3 / 1] ।
94. रयणायरेण ( रयणायर ) 3 / 11. रयणं ( रयण) 1 / 1 परिमुक्कं ( परिमुक्क) भूकृ 1 / 1 श्रनि । जइ वि (प्र) = यद्यपि । अमुणियगुरतेण [ ( प्रमुरिणय) भूक - ( गुण) 3 / 1] । तह वि (श्र) = तो भी । हु ( अ ) = भी। मरगयखंडं [ ( मरगय ) - ( खंड) 1 / 1]। जत्थ ( अ ) = जहाँ । गयं ( गय) भूकृ 1 / 1 श्रनि । तत्थ ( प्र ) = वहाँ । वि (प्र) = ही । मह (महग्घ) 1 / 1वि ।
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। चिय ( अ ) = ही । गेण्हह (गेव्ह )
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95. मा (प्र) = मत । दोसं ( दोस) 2 / 1 विधि 2 / 2 सक। विरले ( विरल ) 2 / 2 वि (न) = भी। गुणे ( गुण) 2 / 2 । पसंसह (पसंस ) विधि 2 / 2 सक | जणस्स (जरग ) 6 / 1 अक्खपउरो [ ( अक्ख ) - ( पउर) 1 / 1 वि] । उवही ( उवहि ) 1 / 1 | roes (भरण) व कर्म 3 / 1 सक अनि । रयणायरो ( रयरणायर) 1 / 1 ए (लो) 7/11
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96. लच्छोइ ' ( लच्छी) 3 / 11 विणा ( अ ) = बिना । रयणायरस्स ( रथणायर ) 6 / 1। गंभीरिमा ( गंभीरीमा ) 1 / 1 । तह ( ) उसी तरह । च्चेव ( प्र ) = ही । सा (ता) 1 / 1 सवि । लच्छी ( लच्छी) 1 / 1 | तेण (त) 3 / 1 स | भरण ( भरण) विधि 2 / 1 सक । कस्स (क) 6 / 1 सवि । न ( अ ) = नहीं | मंदिरं ( मंदिर ) 2 / 1 । पत्ता (पत्ता) भूकृ 1 / 1 अनि ।
1. 'बिना ' के योग में तृतीया, द्वितीया या पंचमी विभक्ति होती है । 97. वडवाणलेण (वडवागल) 3 / 1। गहिम्रो ( ग ) भूकृ 1 / 1 | महिओ (मह) भूकृ 1 / 1 य (प्र) और सुरासुरेहि [ ( सुर ) + (सुरेहि ) ]
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[ वज्जालग्ग में
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