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वज्जालग्ग में जीवन-मूल्य
___ 1. · काव्य बड़ी कठिनाई से रचा जाता है। काव्य के रच लेने पर
(उसका) पाठ बड़ी कठिनाई से (किया जाता है)। पाठ करने
वाले (व्यक्ति के) होने पर श्रोता दुर्लभ होते हैं। 2. अच्छे कवियों द्वारा बड़ी कठिनाई से रचित अनाथ गाथा
दोनों ही हाथों को सिर पर रख कर रोती है, (जब) मूर्ख
(पाठी) (गाथा-पाठ को) लापरवाही से बिगाड़ देता है । 3. गाथा के द्वारा कौन प्रसन्न नहीं किया जाता है ? प्रिय मित्रों
को कौन स्मरण नहीं करता है ? तथा श्रेष्ठ परोपकारी के पीड़ित होने पर कौन (व्यक्ति) पीड़ित नहीं किया जाता है ? प्राकृत काव्य से जो रस उत्पन्न होता है (उससे) हम ऊब को प्राप्त नहीं होते हैं, उसी तरह ही (जैसे) निपुण (व्यक्ति) के द्वारा बोले गए (वचनों) से तथा (अपने द्वारा पिए गए)
'सुगन्धित शीतल जल से (भी) हम ऊब को प्राप्त नहीं होते हैं । 5. प्राकृत काव्य को नमस्कार तथा जिनके द्वारा प्राकृत काव्य
रच गया है (उनको) (नमस्कार) तथा जो भी (लोग) (उसको) पढ़कर जानते हैं उनको भी हम प्रणाम करते हैं। दुर्जनः मनुष्य के द्वारा मलिन किया जाते हुए भी उज्ज्वल स्वभावी सज्जन और भी अधिक निर्मल हो जाता है जैसे क्षार के द्वारा (मलिन किया जाता हुआ) दर्पण (और भी अधिक निर्मल हो जाता है)।
जीवन-मूल्य ]
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