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(उज्जोमो)] [(विज्जु)-(उज्जोप) 1/1] बहलत्तणेण (बहलत्तण) 3/1 मोहेइ (मोह) व 3/1 सक अच्छीई (अच्छी। 2/2 जे (ज) 1/2 स गेण्हंति (गेण्ह) व 3/2 सक सयं . (प्र) = स्वयं चित्र (अ) = ही लच्छि (लच्छी) 2/1 ग (अ)- नहीं हु (म) = वास्तव में ते (त) 1/2 स गारव-टाणं [(गारव)-(द्वाण) 1/1] उण (प्र) = किन्तु केवि (क) 1/2 सवि = कुछ वालिब ( दलिद्द) 1/1 घेप्पए (घेप्पए) ध कर्म 3/1 सक अनि जेहिं (ज) 3/2 स. *प्रश्नवाचक शब्दों के साथ जुड़ कर अनिश्चितता के अर्थ को
बतलाता है। एक्के (एक्क) 1/2 सवि पावंति (पाव) व 3/2 सक ग (प्र)- नहीं तं (ता) 2/1 स अण्णे (अण्ण) 1/2 सवि परमो (प्र) = परे व्व (प्र) = तथा तीए (ती) 6/1 दीसंति (दीसंति) व कर्म 3/2 सक अनि इराण (इमर) 6/2 वि महम्पारणं (महग्ध) 6/2 विच (प्र) तथा अंतरे (अंतर) 7/1 णिवसह (रिणवस) व 3/1 प्रक पसंसा (पसंसा) 1/1 . मरणमहिणंदमाणाण [(मरणं) + (अहिणंदमाणाण)] मरणं (मरण) 2/1 अहिणंदमाणाण (अहिणंद) वकृ 6/2 अप्पण (अप्पण) 3/1 मागे संयुक्त अक्षर (च्चेप्र) के आने से दीर्घ स्वर ह्रस्व स्वर हुअा है । च्चेस (अ)-ही मुक्क-विहवाण [(मुक्क) भूक अनि-(विहव) 6/2] कुणइ (कुण) व 3/1 सक कुवित्रो (कुविन) 1/1 वि कतो (कअंत) 1/1 जइ (प्र) = यदि विवरीअं (विवरी) 2/1 वि सु-पुरिसाण (सु-पुरिस) 4/2
बापति राज को
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