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1. इह ते जग्रंति कइणो जमिणमो जारण सप्रल-परिणाम
वापासु ठिनं दीसइ पामोअ-घणं व तुच्छं व ॥
2. णिप्रभाच्चिन वापाएँ प्रतणो गारवं णिवेसंता ।
जे एंति पसंसंच्चिन जयंति इह ते महा-कइणो ।।
3. दोग्गच्चग्मि वि सोक्खाइ ताण विहवे वि होंति दुक्खाई ___ कन्व-परमत्थ-रसिपाई जाण जाअंति हिमपाई।।
4. सोहेइ सुहावेइ प्र उवहुज्जतो लवो वि लच्छीए ।
देवी सरस्सई उण असमग्गा कि पि विडेइ ।।
5.. लग्गिहिइ ण वा सुमणे वयरिणज्जं दुज्जणेहि भण्णंतं । ___ ताण पुण तं सुप्रणाववाग्र-दोसेण संघडइ ।।
6. पर-गुण-परिहार-परम्पराएँ तह ते गुणण्णुप्रा जामा ।
जामा तेहिं चिन जह गुणहिं गुरिणणो परं पिसुणा ।।
वाक्पतिराज के
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