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________________ श्री जिनत्तसूरि प्रतिबोधित गोत्र श्री सुधर्मसामि परम्परा खरतर गच्छना भट्टारक जंगम युगप्रधान श्रीजिनदतसूरि प्रतिबोधित छतीस राजकुली सवालाख श्रावक खरतर तेहना गोत्र लिखतं । १ श्री राय भणसालो मन्त्री आभू साखि गोत्र बद्ध खरतर सोलंकी राजपूत || २ पड भणसाली गोध बद्ध खरतर देवड़ा रजपूत ३ कांकरिया गोत्र खरतर भाटी रजपूत ४ करमदिया बद्ध गोत्र खरतर । आकोल्या अड़क खरतर ५ मणहडा गोत्रबद्ध खरतर श्री पन्ना अडक खरतर । ६ नवलखा दसम नी दीहाडी वाला गौत्र बद्ध खरतर साहजो साथी ७ छाजहड दशम री दिहाडी वाला गोत्र बद्ध खरतर सं० १२४५ राठोड धांधलो धरणसाहथी खरतर ८ ग्रामेचा दसम री दिहाडी वाला खरतर पमार रजपूत ९ साउंसखा बद्ध गोत्र खरतर १० डांगी गोत्र मध्ये काजलोत सर्व खरतर ११ रांका, सेठिया तथा काला सर्व खरतर १२ खुथडा कुद्दाल गोत्र बद्ध खरतर १३ कूकड चोपडा गोत्र बद्ध खरतर जाति पडिहार रजपूत मंडोवरा क ० राव चूडा कहाणा Jain Education International For Personal & Private Use Only , www.jainelibrary.org
SR No.004163
Book TitleJainacharya Pratibodhit Gotra evam Jatiyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherJinharisagarsuri Gyan Bhandar
Publication Year
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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