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सक
संकेत-सूची (अ) = अव्यय (इसका अर्थ मूक = भूतकालिक कृदन्त
= लगाकर लिखा व = वर्तमानकाल ___ गया हैं)
= वर्तमान कृदन्त अक = अकर्मक क्रिया वि = विशेषण अनि = अनियमित विधि = विधि आज्ञा . . - प्राज्ञा
विधिक
___= विधि कृदन्त कर्म = कर्मवाच्य
= सर्वनाम
= सम्बन्ध भूत कृदन्त (क्रिविअ) = क्रिया विशेषण
= सकर्मक क्रिया . अव्यय (इसका सवि = सर्वनाम विशेषण अर्थ लगाकर । स्त्री = स्त्रीलिंग लिखा गया है) हेक = हेत्वर्थ कृदन्त ( ) = इस प्रकार के
कोष्टक में मूल = तुलनात्मक विशेषण
शब्द रक्खा गया पु = पुल्लिग
= प्रेरणार्थक क्रिया [( )+( )+( ).......]
= भविष्य कृदन्त इस प्रकार के कोष्टक के अन्दर +
__= भविष्यत्काल चिह्न किन्हीं शब्दों में संधि का द्योतक भाव = भाववाच्य है। यहां अन्दर के कोष्टकों में गाथा भू . = भूतकाल के शब्द ही रख दिये गये हैं।
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[ अष्टपाहुड
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