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________________ संकेत-सूची अ - अव्यय (इसका अर्थ = लगाकर लिखा गया है) अक - अकर्मक क्रिया अनि - अनियमित कर्म - कर्मवाच्य क्रिविअ - क्रिया विशेषण अव्यय (इसका अर्थ = लगाकर लिखा गया है) नपुं. - नपुंसकलिंग पु. - पुल्लिंग भूक - भूतकालिक कृदन्त व - वर्तमानकाल वकृ - वर्तमान कृदन्त वि - विशेषण विधि - विधि विधिकृ - विधि कृदन्त स - सर्वनाम संकृ - संबंधक कृदन्त सक - सकर्मक क्रिया सवि - सर्वनाम विशेषण स्त्री. - स्त्रीलिंग •()- इस प्रकार के कोष्ठक में मूल शब्द रखा गया है। •[()+()+()..... ] इस प्रकार के कोष्ठक के अन्दर + चिह्न शब्दों में संधि का द्योतक है। यहाँ अन्दर के कोष्ठकों में गाथा के शब्द ही रख दिये गये हैं। (6) प्रवचनसार (खण्ड-3) चारित्र-अधिकार
SR No.004160
Book TitlePravachansara Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2014
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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