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क्रिया
अधिवस
जाय
जिय
जीव
णिव्वा
फल
भव
मर
मुज्झ
रज्ज
विज्ज
विहर
सिज्झ
हव
हो
tic
अर्थ
रहना
उत्पन्न होना
जीना
जीना / ठहरना
मुक्त होना
फलित होना
होना
मरना
मूर्च्छित होना
मोहित होना
आसक्त होना
होना
विद्यमान होना
रहना
मुक्त होना
होना
tic
क्रिया - कोश
अकर्मक
होना
प्रवचनसार ( खण्ड - 3) चारित्र- अधिकार
गा.सं.
70
11
17
72
37
57
36, 46
17
43
44
43, 44
22, 46
39
13
37
5, 19, 20, 30, 50, 59,
64, 65, 67, 68
26
4, 7, 9, 10, 36, 45,
58, 66
(109)