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7.
सदवट्ठिदं सहावे दव्वं दव्वस्स जो हि परिणामो। अत्थेसु सो सहावो ठिदिसंभवणाससंबद्धो।।
सदवट्ठिदं सहावे दव्वं .
दव्वस्स
परिणामो अत्थेसु
(सदवट्ठिद) भूकृ 1/1अनि . अस्तित्व में ठहरा हुआ (सहाव) 7/1
स्वभाव में (दव्व) 1/1
द्रव्य (दव्व) 6/1
द्रव्य का (ज) 1/1 सवि . अव्यय (परिणाम) 1/1
परिणमन (अत्थ) 7/2
पदार्थों में (त) 1/1 सवि
वह (सहाव) 1/1
स्वरूप [(ठिदि)-(संभव)- स्थिति, उत्पत्ति और (णास)-(संबद्ध) विनाश-सहित भूकृ 1/1 अनि]
सो
सहावो ठिदिसंभवणाससंबद्धो
अन्वय- सदवट्ठिदं दव्वं सहावे अत्थेसु जो ठिदिसंभवणाससंबद्धो परिणामो सो दव्वस्स हि सहावो।
अर्थ- ‘अस्तित्व' में ठहरा हुआ द्रव्य स्वभाव में (ही) (है)। पदार्थों में जो स्थिति, उत्पत्ति और विनाश-सहित परिणमन (है) वह द्रव्य का ही स्वरूप
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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