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कृदन्त-कोश .
संबंधक कृदन्त
कृदन्त
कृदन्त शब्द
अर्थ
गा.सं.
अभिभूय आच्छादित करके संकृ अनि आसेज्ज अवलम्बन करके संकृ अनि खविय-खवीय नष्ट करके चत्ता छोड़कर संकृ अनि जाणित्ता जानकर णिरुंभित्ता रोककर भविय-भवीय होकर
25 .91
103 98
102, 108
104
20,59.
हेत्वर्थक कृदन्त
जानने के लिए हेकृ . देने के लिए हेकृ
अंतगद
105
अणिट्टि अतीद अपरिच्चत्त अभिमद
भूतकालिक कृदन्त अंत पा लिया भूकृ अनि गया न कहा हुआ भूकृ अनि परे भूक अनि न छोड़ा हुआ भूकृ अनि माना गया भूकृ अनि
49 3 31
(156)
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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