________________
णास
णिच्छय
णियम
णिव्वाण
णिसेज्जा
तच्च
तण्हा
तव
तिक्काल
तित्थयर
तिरिय
तेज
दंसण
दव्व
दव्वत्त
दव्वत्तण
दाण
दिट्ठि
(122)
Jain Education International
विनाश
निश्चय
नियम
निर्वाण
बैठना
सार
तृष्णा
तप
तीन क
तीर्थंकर
तिर्यंच
पशु, पक्षी आदि प्राणी अकारान्त पु.
कान्ति
अकारान्त पुं.
प्रकाश
दर्शन
द्रव्य
द्रव्यत्व
द्रव्यता
दान
दर्शन
देखने की शक्ति
अकारान्त पुं. .
अकारान्त पु.
अकारान्त पु.
अकारान्त नपुं.
5, 6, 11
आकारान्त स्त्री.
44
अकारान्त नपुं.
81
आकारान्त स्त्री.
74, 75
अकारान्त पु., नपुं. 2, 14
अकारान्त पु.
51
अकारान्त पु.
2
अकारान्त पु., नपुं. 70, 72, 85
12
19
68
2, 5, 6
अकारान्त पु., नपुं.
अकारान्त पु., नपुं
17
89
86
8, 10, 21, 34, 36,
37, 48, 49, 57, 78,
83, 87, 90
अकारान्त नपुं
80
अकारान्त पु., नपुं 89
अकारान्त पु., नपुं. 69
इकारान्त स्त्री.
61
67
For Personal & Private Use Only
प्रवचनसार (खण्ड- -1)
www.jainelibrary.org