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जैनाचार्यों के प्रयासों से शास्त्र भण्डार निर्मित हुए। कुछ शास्त्र भण्डार कुछ धर्म पिपासु भक्तों ने तथा कुछ शास्त्र भण्डार जैनधर्म के कुछ प्रभावशाली श्रावकों ने स्थापित करवाये। इस प्रकार के कुछ उदाहरण हमें मिलते हैं फिर भी मालवा के जैनशास्त्र भण्डारों के विस्तृत अध्ययन की अत्यन्त आवश्यकता है। क्योंकि मालवा में जहां-जहां भी शास्त्र भण्डार है, उनकी समग्र जानकारी विद्वानों को नहीं है। कारण यह है कि शास्त्र भण्डारों के कार्य व्यवस्थित नहीं है। कहीं-कहीं तो स्थिति यह है कि शास्त्र भण्डार में कितने ग्रन्थ है? हस्तलिखित ग्रन्थ कितने हैं? उनके ग्रन्थकार कौन-कौन हैं? उनके भेंटकर्ता कौन है? तथा प्रकाशित ग्रन्थ कितने हैं और कौन-कौन से हैं? आदि जानकारी भी पूरी तरह नहीं मिल पाती है। ऐसी स्थिति में सबसे प्रथम तो यह आवश्यक हो जाता है. कि मालवा में उपलब्ध समस्त जैन शास्त्र भण्डारों का सर्वेक्षण किया जाय उनकी विवरणात्मक सूचियां बनाई जाय। उनको ग्रन्थ-पंजिकाओं में अंकित किया जाय। उसके उपरांत "मालवा के जैन शास्त्र भण्डारों के ग्रन्थों का सूचीपत्र" तैयार किया जावे। तभी मालवा के शास्त्र भण्डारों की सही सही स्थिति हमारे सामने आ सकती है। इसके अतिरिक्त एक बात और यह है कि यह कार्य जैन समाज के माध्यम से ही होना चाहये। क्योंकि जैनेत्तर धर्म के व्यक्ति के लिये जैन शास्त्र भण्डरों की सूची तथा ग्रन्थों की सूची पत्र बनाना असम्भव प्रतीत होता है। क्योंकि मुझे भी इस विषय में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसके अतिरिक्त मैं इन्दौर, मन्दसौर, रतलाम आदि स्थानों के शास्त्र भण्डरों को प्रयत्न करने के उपरांत भी नहीं देख पाया हूं और उसका एक मात्र कारण मेरा
जैनेतर धर्मावलम्बी होना है। ऐसी स्थिति में मुझे मालवा के जैन शास्त्र भण्डारों के विषय में जो भी थोड़ी बहुत जानकारी मिल पाई है उसका विवरण मैं यहा प्रस्तुत कर रहा हूं- यथाः
(1) बड़नगर का जैनशास्त्र भण्डार : उज्जैन जिले के नगर बड़नगर में तीन स्थानों पर शास्त्र भण्डार है जिनका विवरण इस प्रकार है:- :
(अ) श्री दिगम्बर तेरापंथ आम्नाय मंदिर बड़नगर- इस मंदिर में एक शास्त्र भण्डार है। इसमें प्रकाशित तथा हस्तलिखित दोनों ही प्रकार के ग्रन्थ हैं। हस्तलिखित ग्रन्थों की संख्या 257 है। ऐसा विदित हुआ कि यहां एक ग्रन्थ ताड़पत्र पर लिखा हुआ भी है। किन्तु ग्रन्थ भण्डार की चाबी उपलब्ध नहीं होने के कारण मैं ग्रन्थ भण्डार को नहीं देख सका।।
(ब) श्री दिगम्बर जैन मंदिर घाटासेरी बड़नगर- इस मंदिर में जो शास्त्र भण्डार है, उसमें संग्रहित हस्तलिखित ग्रन्थों की संख्या 390 है। ग्रन्थ भण्डार के
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