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________________ " (6) अन्य साहित्य : आचार्य अमितगति की कुछ रचनाएं उपलब्ध नहीं है जिनके नाम निम्नलिखित हैं: (1) जम्बू द्वीप :- सम्भवतः भूगोल विषयक ग्रन्थ हो। (2) चन्द्रप्रज्ञप्ति ... (3) सार्थद्वय द्वीप प्रज्ञप्ति तथा (4) व्याख्या प्रज्ञप्ति है। पं.आशाधर ने आयुर्वेद से सम्बन्धित ग्रन्थों की भी रचना की थी। उन्होंने वाग्भट के आयुर्वेद ग्रन्थ अष्टंगहृदयी की टीका अष्टंगहृदयी धोतिनी के नाम से लिखी। इस प्रकार मालवा के जैन विद्वानों के विविध विषयक ग्रन्थ उपलब्ध होते हैं तथा अभी भी नये-नये जैन विद्वानों के ग्रन्थ प्रकाश में आते जा रहे हैं। यदि समूचे भारतवर्ष के जैन शास्त्र भण्डारों तथा व्यक्तिगत संग्रहालयों में खोज की जाये तो और अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों के प्रकाश में आने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त उपर्युक्त विवरण से एक बात स्पष्ट रूप से विदित हो जाती है कि जितना भी साहित्य जैनधर्म में उपलब्ध है उस समस्त साहित्य का सृजन जैनाचार्यों के द्वारा हुआ है क्योंकि वणिक जाति व्यापार प्रधान जाति है। इस कारण इस जाति के व्यक्तियों का तो साहित्य सृजन की ओर ध्यान नहीं के बराबर जाता है और यही कारण है कि जैनाचार्यों के द्वारा रचा गया साहित्य हमारे सामने है। उसकी भी विशेषता यह है कि साहित्य भी साम्प्रदायिक ग्रन्थ तक ही सीमित नहीं रह गया है वरन् साहित्य के विभिन्न अंगों पर इन आचार्यों ने अपने ग्रन्थों की रचना की है। संदर्भ सूची 1 उज्जयिनी दर्शन, पृष्ठ 93 : पृ.87 .. 2 श्रीमद् राजेन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ, पृष्ठ 8 संस्कृत साहित्य का इतिहास, भाग-2 459 . . ... कीथ, पृ.286-87 3 वही, पृ.459 9 वही, पृ.121 4 स्व.बाबू श्री बहादुरसिंहजी सिंघी स्मृति 10 वही, पृ.81 ग्रंथ, पृष्ठ 12 . 11 भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, 5 संस्कृति केन्द्र उज्जयिनी, पृष्ठ 116 | पृ.81 6 गुरु गोपालदास वरैया स्मृति ग्रंथ, पृष्ठ 12- संस्कृत साहित्य का इतिहास, पृ.345, : 544 | गैरोला 7 भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, 13 गुरु गोपालदास बरैया स्मृति ग्रंथ, पृ.546 119 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004157
Book TitlePrachin evam Madhyakalin Malva me Jain Dharm Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTejsinh Gaud
PublisherRajendrasuri Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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