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परम पूज्य अध्यात्मयोगी श्रमणाचार्य 108 श्री विशुद्ध सागर जी महाराज
द्वारा आगम / सिद्धान्त / व्याकरण | शब्दादि शास्त्रों का अध्ययनसिद्धान्त
व्याकरण षटखण्डागम
कातन्त्र व्याकरण गोम्मटसार कर्मकाण्ड
साक्टाइन व्याकरण गोम्मटसार जीवकाण्ड
प्राकृत व्याकरण द्रव्य संग्रह
सम्यक्त्व कौमदी शब्द | व्याकरण कोष धनंजय नाममाला
अनेकार्थ निघण्टु एकाक्षरी शब्द कोश
विश्वलोचन कोश - जैनेन्द्र कोश
प्राकृत - संस्कृत भक्ति / स्तुति पाठों का अध्ययनस्तुति विद्या निवाण भक्ति
स्वयंभू नन्दीश्वर भक्ति भक्ति संग्रह
प्रतिक्रमण भक्ति ईर्यायथ भक्ति वीर भक्ति
सिद्ध भक्ति चतुर्विंशति तीर्थंकर भक्ति चैत्य भक्ति
अर्हद् भक्ति श्रुत भक्ति
गोम्मटेश भक्ति चारित्र भक्ति योगि भक्ति
आचार्य भक्ति पंचगुरू भक्ति शांति भक्ति
समाधि भक्ति
संस्कृत स्तोत्र पाठों का अध्ययनस्वयंभू स्तोत्र
कल्याण मंदिर स्तोत्र श्रीजिन सहस्रनाम स्तोत्र
एकीभाव स्तोत्र चैत्यालयाष्टक स्तोत्र
विषापहार स्तोत्र सुप्रभात स्तोत्र
अकलंक स्तोत्र गणधर वलय स्तोत्र ।
वीतराग स्तोत्र उपसग्गहर स्तोत्र
परमानंद स्तोत्र मंगलाष्टक स्तोत्र
लघु स्वयंभू स्तोत्र महावीराष्टक स्तोत्र
उपसग्ग हरं स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र
परमात्म स्तोत्र सरस्वती स्तोत्र
स्वरूप देशना विमर्श
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