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दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत्
“कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) .......... मूलं- सूत्र.[१९८] / गाथा.||-|| ....... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......"कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम्
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प्रत
॥४५॥
सूत्रांक/
गाथांक [१९८]
जहा सीअलस्स, तंच इम-तिवासअद्धनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं ऊणगमिचाइ ॥ १९८॥८॥
सुपासस्स णं अरहओ जाव-प्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसहस्से विइंक्वते, सेसं जहा सीअलस्स, तंच इम-तिवासअधनवमासाहिअबायालीससहस्सेहिं ऊणिआ | इच्चाइ ॥ १९९॥७॥
पउमप्पहस्सणं अरहओ जावप्पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसहस्सा विइकंता, तिवासअघनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं इच्चाइयं, सेसं जहा सीअलस्स ॥२०॥६॥
सुमइस्स णं अरहओ जाव०प्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसयसहस्से विइकंते, सेसं जहा सीअलस्स, तिवासअद्धनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं इच्चाइयं ॥२०१॥५॥ 8. अभिनंदणस्स णं अरहओ जाव०प्पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसयसहस्सा विवंता,
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दीप
ASASSASSOSIANS
अनुक्रम [१९४]
४५.
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