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________________ आगम (१४) “जीवाजीवाभिगम" - उपांगसूत्र-३ (मूलं+वृत्ति:) प्रतिपत्ति: [४], --------------------- उद्देशक: [-], ------------------- मूलं [२२५] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूत्र - [१४], उपांग सूत्र - [३] "जीवाजीवभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीत वृत्ति: - --- + 4 प्रत सूत्रांक -7 [२२५] -58 दीप अनुक्रम दिया पजत्तगा पंचेंदिया पजत्तगा विसेसाहिया बेंदियपज्जत्तगा विसेसाहिया तेइंदियपजत्तगा विसेसाहिया एगिदियपजत्तगा अणंतगुणा, सइंदिया पज्जत्तगा बिसेसाहिया ॥ एतेसिणं भंते ! सइंदियार्ण पजत्तगअपज्जत्तगाणं कयरे २१, गोयमा सव्वत्थोवा सईदिया अपजत्तगा सइंदिया पजसगा संखेजगुणा । एवं एगिदियावि॥ एतेसिणं भंते। बेइंदियाणं पजत्तापज्जत्तगाणं अप्पाबडं, गोयमा सव्वत्थोवा बेइंदिया पज्जत्तगा अपज्जत्सगा असंखेजगुणा, एवं तेंदियचउरिदियपंचेंदियावि ।। एएसिणं मंते! एगिदियाणं बेइंदि० तेइंदि० चाउरिदि० पंचेंदियाण य पज्जत्तगाण य अपज्जत्तगाण य कयरे २१, गोयमा! सव्वत्थोवा चउरिंदिया पज्जत्तगा पंचेंदिया पजत्तगा विसेसाहिया बेइंदिया पजसगा विसेसाहिया तेइंदिया पज्जत्तगा विसेसाहिया पंचेंदिया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा चउरिदिया अपजत्ता विसेसाहिया तेइंदियअपज्जत्ता विसेसाहिया बेइंदिया अपज्जत्ता विसेसाहिया एगिदियअपलत्ता अर्णतगुणा सईदिया अपजत्ता विसेसाहिया एगिदियपजत्ता संखेजगुणा सइंदियपज्जत्ता विसेसाहिया सइंदिया विसेसाहिया। सेत्तं पंचविघा संसारसमावपणगा जीवा ।। (सू० २२५) 'एएसि ण मित्यादि प्रश्नसूत्रं सुगम, मगवानाह-गौतम! सर्वतोकाः पञ्चेन्द्रियाः, सोययोजनकोटीकोटीप्रमाणविष्कम्भसूची-10 प्रमितपतरासयभागवयंसपेयश्रेणिगताकाशप्रदेशराशिप्रमाणत्वात् , तेभ्यश्चतुरिन्द्रिया विशेषाधिकाः, विष्कम्भसूक्यास्तेषां प्रभूत-| [३४५] 2993 ~822~
SR No.004114
Book TitleAagam 14 JIVAJIVABHIGAM Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages938
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size230 MB
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