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________________ आगम (१०) “प्रश्नव्याकरणदशा” - अंगसूत्र-१० (मूलं+वृत्ति:) श्रुतस्कंध: , ---------------------- अध्ययनं ------------------------ मूलं ] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..........आगमसूत्र - [१०], अंग सूत्र - [१०] "प्रश्नव्याकरणदशा” मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक യായമായ ॥अहम् ॥ श्रीमत्सुधर्मस्वामिगणभृत्प्ररूपितं श्रीमच्चन्द्रकुलालंकारश्रीमदभयदेवसूरिसूत्रितविवरणयुतं श्रीप्रश्नव्याकरणाङ्गम्। दीप अनुक्रम १०१५ श्रेष्ठि मंछुभाइ तलकचंद झवेरी-सुरत ७५० बाबु गुलाबचंदजी अमीचंदजी झवेरी-मुम्बाइ ५००श्रेष्ठि कल्याणचंद सौभाग्यचंद झवेरी-सुरत प्रसेधिका-एतेषां श्राद्धबर्याणां पूर्णद्रव्यसाहाय्येन शाह-वेणीचन्द्र सुरचन्द्रद्वारा-श्रीआगमोदयसमितिः मुद्रितं मोहमय्यां 'निर्णयसागर यत्रालये रा० रा० रामचन्द्र येसू शेडगे द्वारा बीरसंवत् २४४५. विक्रमसंवत् १९७५. काईष्ट १५५५। प्रतयः१०००. पण्यं १-१२- ० पादोन रूप्यकद्वयं. प्रश्नव्याकरणदशागसूत्रस्य मूल "टाइटल पेज"
SR No.004110
Book TitleAagam 10 PRASHNA VYAKARANAM Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages335
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size76 MB
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