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जैनधर्म दर्शन में तनाव और तनावमुक्ति
जाएगा । "पीला रंग बुद्धि और दर्शन का रंग है, तर्क का नहीं। इससे मानसिक–कमजोरी, उदासीनता आदि दूर होते हैं। "631 यह प्रसन्नता और आनन्द का सूचक रंग है ।
श्वेत रंग श्वेत रंग शांति का प्रतीक है। शुक्ललेश्या का रंग सफेद कहा गया है। पदम्लेश्या वाला व्यक्ति पीले रंग का ध्यान करते-करते उसे हल्का करने का प्रयत्न करे। पीला रंग हल्का होते-होते श्वेत वर्ण में परिवर्तित हो जाता है। श्वेत रंग का ध्यान पूर्णतः तनावमुक्ति की प्रक्रिया है ।
लेश्या - ध्यान की निष्पत्ति
1. चित्त की प्रसन्नता ध्यान सिद्ध होने का सबसे पहला प्रमाण है ।
2. इससे संकल्प शक्ति का जागरण होता है ।
3. धार्मिकता के लक्षणों का प्रकटीकरण होता है।
4. ध्यान से चैतन्य का जागरण होता है, जो पूर्णतः तनावमुक्ति में सहायक तत्त्व है।
5. इससे व्यक्ति का स्वस्थ एवं सुन्दर व्यवहार बनता है। 6. पदार्थ - प्रतिबन्धता से मुक्ति मिलती है आदि ।
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प्रेक्षा ध्यान लेश्या ध्यान, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ. 21
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