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वाचक उमास्वाति विरचित
(आगम पाठ समन्वय युक्त हिन्दी विवेचन)
* व्याख्याकार * जैनदिवाकर प्रसिद्धवक्ता गुरुदेव श्री चौथमल जी महाराज के सुशिष्य उपाध्याय श्री केवल मुनि
पाववर्ष २००५
औरंगाबाद नगरी में विराजित स्व.मालव सिंहनी श्री कमलावती म.सा.
की सशिष्या प.पू. उपप्रवर्तिनी महासती
श्री सत्यसाधनाजी म.सा .. . आदि ठाणा ७
* सम्पादक * श्रीचन्द सुराना 'सरस'
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