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________________ जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व 545 1983 सन 1962 श्री रत्नकरण्डक | श्री समन्तभद्र आचार्य श्री मध्यक्षेत्रीय मुमुक्षु मण्डल श्रावकाचार संघ, सागर (म.प्र.) वैदिक-परम्परा के ग्रन्थों की सूची क्र | ग्रन्थ का नाम | संपादक/अनुवादक प्रकाशक | अथर्ववेद संस्कृति संस्थान, बरेली ऋग्वेद संस्कृति संस्थान, बरेली कल्याण (भागवतांक) 'कल्याण कार्यालय, सोलहवें वर्ष विशेषांक गीताप्रेस, गोरखपुर श्रीमद्भगवद्गीता गीताप्रेस, गोरखपुर गीता (शांकरभाष्य) गीताप्रेस, गोरखपुर 1962 1998 2018 | गीता (रामानुजभाष्य) गीताप्रेस, गोरखपुर 2008 गरूड़ पुराण महाभारत वेदव्यास संस्कृति संस्थान, बरेली गीताप्रेस, गोरखपुर पुस्तक मंदिर, मथुरा मनुस्मृति आचार्य मनु वि.सं. 2015 10. | मार्कण्डेयपुराण वेदव्यास गीताप्रेस, गोरखपुर सं. 2057 गीताप्रेस, गोरखपुर 2057 11. श्रीमद्वाल्मीकीय . महर्षि वाल्मीकि रामायण 12. श्री विष्णुपुराण (हिन्दी । वेदव्यास अनुवाद सहित) परवर्ती आचार्यों एवं लेखकों कृत सूची गीताप्रेस, गोरखपुर . 2057 क्र | संपादक/अनु | वादक ग्रन्थ का नाम प्रकाशन सन् अन्नमभट्ट तर्कसंग्रह मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली | 1985 | आधुनिक सामान्य मनोविज्ञान 2008 | मोतीलाल बनारसीदास, | दिल्ली आशीषकुमार सिंह Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004097
Book TitleJain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages580
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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