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________________ जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व 543 बौद्ध-परम्परा के त्रिपिटक-ग्रन्थों की सूची प्रकाशक सन 1. महाबोधि सभा, कलकत्ता 1963 | क्र | ग्रन्थ का नाम | संपादक/अनुवादक अंगुत्तरनिकाय अनु. भदन्त आनन्द कौशव्यायन अभिधम्मत्थसंगहो आचार्य अनुरुद्ध/ अनु. भदन्त आनन्द कौशव्यायन बुद्ध विहार, लखनऊ 1960 3. धम्मपद बुद्ध विहार, लखनऊ अनु. राहुलजी भिक्षु जगदीश मज्झिमनिकाय नव नालंदा महाविहार, संस्करण मज्झिमनिकाय (हिन्दी) महाबोधि सभा, सारनाथ नव नालंदा महाविहार धर्मरक्षित महाबोधिसभा 1954 संयुक्त निकाय संयुक्त निकाय | अनु. जगदीश काश्यप (हिन्दी) सुत्तनिपात अनु. भिक्षु धर्मरत्न दिगम्बर-परम्परा के ग्रन्थों की सूची | महाबोधिसभा, बनारस 1950 ग्रन्थ का . नाम संपादक/अनुवादक प्रकाशक सन् तत्त्वार्थराजवार्त्तिक | अकलंकदेव, सं. प्रो. महेन्द्र | भारतीय ज्ञानपीठ, 18, 1997 कुमार जैन (भाग 1-2) इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नईदिल्ली पुरुषार्थसिद्धियुपाय | श्री अमृतचन्द्राचार्य परमश्रुत प्रभावक मण्डल, अगास | 1966 धर्मामृत अनगार पं. आशाधर, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रकाशन, सं. कैलाशचन्द्रशास्त्री नईदिल्ली तत्त्वार्थसूत्र वाचक उमास्वाति, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी | 2007 सं. पं. सुखलाल सिंघवी | तत्त्वार्थसूत्र वाचक उमास्वाति, श्री जैन दिवाकर साहित्यपीठ, | 1987 सं.उपाध्याय श्री केवलमुनि महावीर भवन, 156, इमली बाजार, इन्दौर प्रशमरति । वाचक उमास्वाति परमश्रुत प्रभावक मण्डल, मुम्बई 1950 7. प्रशमरति वाचक उमास्वाति, श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट, | वि.सं. . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004097
Book TitleJain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages580
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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