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*****************kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk ॐ श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्नमाला का १०४ वाँ रत्न
प्रज्ञापना सूत्र
भाग-४
(पद २२-३६) (शुद्ध मूल पाठ, कठिन शब्दार्थ, भावार्थ एवं विवेचन सहित)
सम्पादक
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नेमीचन्द बांठिया पारसमल चण्डालिया
प्रकाशक श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर
| O(०१४६२) २५१२१६, २५७६९९, फेक्स नं. २५०३२८
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