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क्रमांक
विषय
पृष्ठ संख्या क्रमांक
छब्बीसवां कर्म वेद बंध पद १४८ - १५४ १८. कषाय द्वा
१९. ज्ञान द्वार
१.
२०.
योग द्वार
उपयोग द्वार
वेद द्वार
२३. शरीर द्वार
२४. पर्याप्ति द्वार
उनतीसवां उपयोग पद २०८-२१५
१. उपयोग भेद
२.
कर्म प्रकृतियाँ बांधता है सत्ताईसवां कर्म वेद
ज्ञानावरणीय आदि कर्म कां वेदन करता हुआ जीव कितनी
कर्म प्रकृतियाँ बांधता है
वेदनीय कर्म का वेदन करता हुआ जीव कितनी
वेदक पद ज्ञानावरणीय आदि कर्म का वेदन करता हुआ जीव कितनी कर्म प्रकृतियों का वेदन करता है २. वेदनीय आदि कर्म
१.
अट्ठाईसवां आहार पद प्रथम उद्देश
१. सचित्त आहार द्वार २ - ८. आहारार्थी आदि द्वार ९. एकेन्द्रिय शरीर आदि द्वार
१०. लोमाहार द्वार
११. मनोभक्षी आहार द्वार द्वितीय उद्देशक
4
१२. आहार द्वार
१३. भव्य द्वार
१४. संज्ञी द्वार
१५. लेश्या द्वार
१६. दृष्टि द्वार १७. संयत द्वार
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१४८
२४१
२१.
२२.
१५५-१५७ २.
१५८
१५९
१७९
३.
४.
१५५ तीसवां पश्यत्ता पद
१५६
१. पश्यत्ता के भेद
२.
१५८-१८४ ३.
४.
५.
६.
विषय
१८५ - २०७१.
२.
साकारोपयोग के भेद
अनाकारोपयोग के भेद
नैरयिक आदि में उपयोग
१८१
१८२ इकतीसवां संज्ञी पद
१९३ १.
१९५ २.
१९६
साकार पश्यत्ता के भेद
अनाकार पंश्यत्ता के भेद
नैरयिक आदि में पश्यत्ता
साकारदर्शी अनाकारदर्शी
केवली रत्नप्रभा को आकारों आदि से जानते देखते हैं
संज्ञा परिणाम
चौबीस दण्डकों में
संज्ञी आदि की प्ररूपणा
१८५
१८७
१८९ बत्तीसवां संयत पद
संयम परिणाम
चौबीस दण्डकों में संयत असंयत आदि की प्ररूपणा
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पृष्ठ संख्या
१९८
२००
२०२
२०२
२०३
२०३
२०५
२०८
२०८
२०९
२०९
२१६-२२६
२१६
२१६
२१७
२१८
२२०
२२३
२२७-२२९
२२७
• २२८
. २३० - २३२
२३०
२३१
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