________________
६५
चौथा स्थिति पद - वैमानिक देवों की स्थिति .000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! अधस्तन-अधस्तन ग्रैवेयक के अपर्याप्तक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है?
उत्तर - हे गौतम! अधस्तन-अधस्तन ग्रैवेयक के अपर्याप्तक देवों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त की कही गई है।
हेट्ठिम हेट्ठिम पजत्त देवाणं पुच्छा?
गोयमा! जहण्णेणं बावीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई, उक्कोसेणं तेवीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! अधस्तन-अधस्तन ग्रैवेयक के पर्याप्तक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है?
उत्तर - हे गौतम! अधस्तन-अधस्तन ग्रैवेयक के पर्याप्तकं देवों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त कम बाईस सागरोपम की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त कम तेईस सागरोपम की है।
हेट्ठिम मज्झिम गेविज्जगाणं देवाणं भंते! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता? गोयमा! जहण्णेणं तेवीसं सागरोवमाइं, उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाइं।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! अधस्तन-मध्यम (नीचे की त्रिक के मध्यम अर्थात् सुभद्र नामक) ग्रैवेयक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है?
उत्तर - हे गौतम! अधस्तन-मध्यम (नीचे की त्रिक के मध्यम अर्थात् सुभद्र नामक) ग्रैवेयक देवों की स्थिति जघन्य तेईस सागरोपम की और उत्कृष्ट चौवीस सागरोपम की कही गई है।
हेट्ठिम मज्झिम अपजत्तय देवाणं पुच्छा? • गोयमा! जहएणेण वि अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! अधस्तन-मध्यम ग्रैवेयक के अपर्याप्तक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है? - उत्तर - हे गौतम! अधस्तन-मध्यम ग्रैवेयक के अपर्याप्तक देवों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की कही गई है।
हेट्ठिम मज्झिम गेविज देवाणं पजत्तगाणं पुच्छा ? - गोयमा! जहण्णेणं तेवीसं सागरोवमाइं अंतोमुत्तूणाई, उक्कोसेणं चउवीसं सागरोवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई। .
__ भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! अधस्तन-मध्यम ग्रैवेयक के पर्याप्तक देवों की स्थिति कितने काल की कही गई है?
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org