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ग्यारहवाँ भाषा पद
भावार्थ -
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भाषा द्रव्यों के भेद
उत्तर - हे गौतम! जो लोहे के खंडों का, जस्ते (रांगे) के खंडों का, तांबे के खण्डों का, सीसे के खण्डों का, चांदी के खण्डों का या साने के खण्डों का खण्ड रूप-टुकडे रूप भेद होता है वह खंड भेद हैं ।
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से किं तं पयराभेए? पयराभेए जण्णं वंसाण वा वेत्ताण वा णलाण वा कयली थंभाण वा अब्भ पडलाण वा पयरएणं भेए भवइ, से तं पयराभेए २ ।
भावार्थ- प्रश्न - हे भगवन् ! प्रतर भेद किस प्रकार का होता है ?
उत्तर - हे गौतम! जो बांसों का, बेंतों का, नलों का, केले के स्तंभों का, अभ्रक के पटलों का प्रतर रूप भेद होता है वह प्रतर भेद है।
से किं तं चुण्णियाए ? चुण्णियाभेए जण्णं तिलचण्णाण वा मुग्गचुण्णाण वा मासचुण्णाण वा पिप्पलीचुण्णाण वा मिरीयचुण्णाण वा सिंगबेरचुण्णाण वा चुणिया भेए भवइ, से तं चुण्णियाभेए ३ ।
भावार्थ- प्रश्न- हे भगवन् ! चूर्णिका भेद किस प्रकार का होता है ?
उत्तर - हे गौतम! जो तिल के चूर्णों का, मूंग के चूर्णों का, उड़द के चूर्णों का, पीपल के चूर्णों का कालीमिर्च के चूर्णों का या सूंठ के चूर्णों का चूर्ण रूप में भेद होता है वह चूर्णिका भेद है।
से किं तं अणुतडियाभेए? अणुतडियाभेए जण्णं अगडाण वा तडागाण वा दहाण वा ईण वा वावीण वा पुक्खरिणीण वा दीहियाण वा गुंजालियाण वा सराण वा सरपंतियाण वा सरसरपंतियाण वा अणुतडियाभेए भवइ, से तं अणुतडियाभेए
४।
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- प्रश्न - हे भगवन् ! अनुतटिका भेद किस प्रकार का होता है ?
उत्तर - हे गौतम! जो कूपों (कुओं) के, तालाबों के, ह्रदों के, नदियों के, बावडियों के, पुष्करिणियों (कमलयुक्त गोलाकार बावडियों) के, दीर्घिकाओं (लम्बी बावड़ियों) के, गुंजालिकाओं (टेढ़ी मेढ़ी बावड़ियों) के, सरोवरों के, पंक्तिबद्ध सरोवरों के, (नाली के द्वारा जल का संचार होने वाले पंक्ति बद्ध सरोवरों के) अनुतटिका रूप में भेद होता है वह अनुतटिका भेद है।
से किं तं उक्करियाभेए ? उक्करियाभेए जण्णं मूसाण वा मंडूसाण वा तिलसिंगाण वा मुग्गसिंगाण वा माससिंगाण वा एरंडबीयाण वा फुट्टिया उक्करियाए भेए भवइ, सेतं उक्करिया ५ ॥ ३९९ ॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! उत्करिका भेद किस प्रकार का होता है ?
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