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ग्यारहवाँ भाषा पद - अपर्याप्तक भाषा के भद
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उत्तर - हे गौतम! अपर्याप्तक भाषा दो प्रकार की कही गई है - सत्यामृषा और असत्यामृषा। सच्चामोसा णं भंते! भासा अपजत्तिया कइविहा पण्णत्ता?
गोयमा! दसविहा पण्णत्ता। तंजहा-उप्पण्णमिस्सिया १, विगयमिस्सिया २, उप्पण्णविगयमिस्सिया ३, जीवमिस्सिया ४, अजीवमिस्सिया ५, जीवाजीवमिस्सिया ६, अणंतमिस्सिया ७, परित्तमिस्सिया ८, अद्धामिस्सिया ९, अद्धद्धामिस्सिया १० ॥३९०॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! अपर्याप्तक सत्यामृषा भाषा कितने प्रकार की कही गई है? उत्तर - हे गौतम! अपर्याप्तक सत्यामृषा भाषा दस प्रकार की कही गई है। वह इस प्रकार है -
१. उत्पन्ना मिश्रिता २. विगत मिश्रिता ३. उत्पन्न विगत मिश्रिता ४. जीवा मिश्रिता ५. अजीवमिश्रिता ६. जीवाजीव मिश्रिता ७. अनंत मिश्रिता ८. प्रत्येक मिश्रिता ९. अद्धामिश्रिता और १०. अद्धाद्धा मिश्रिता।
विवेचन - मिश्र भाषा के दस भेद इस प्रकार हैं - १. उत्पन्न मिश्रिता २. विगत मिश्रिता ३. उत्पन्न विगत मिश्रिता ४. जीव मिश्रिता ५. अजीव मिश्रिता ६. जीव अजीव मिश्रिता ७. अनन्त मिश्रिता ८. प्रत्येक मिश्रिता ९. अद्धा मिश्रिता १०. अद्धद्धा मिश्रिता। .
१. उत्पन्न मिश्रिता (उप्पण्ण मिस्सिया)-किसी गांव या नगर की जन्म लेने वालों की संख्या निश्चित रूप से ज्ञात न होने पर भी यह कहना कि आज यहाँ दस बालक जन्मे' उत्पन्न मिश्रिता भाषा है क्योंकि दस से कम या अधिक बालक भी जन्म सकते हैं।
२. विगत मिश्रिता (विगत मिस्सिया)- गांव या नगर विशेष की निश्चित मृत्यु होने वालों की संख्या ज्ञात न होने पर भी यह कहना कि 'आज.यहाँ दस मरे' विगत मिश्रिता भाषा है। दस से कम या ज्यादा भी मर सकते हैं।
३. उत्पन्न विगत मिश्रिता (उप्पण्ण विगत मिस्सिया) - गांव या नगर विशेष की निश्चित जन्म मृत्यु संख्या ज्ञात न होने पर भी 'दस जन्मे, दस मरे' इस प्रकार निश्चित जन्म मृत्यु संख्या कहना उत्पन्न विगत मिश्रिता भाषा है। जन्म मृत्यु संख्या ज्यादा कम भी हो सकती है।
४. जीव मिश्रिता (जीव मिस्सिया)- कोई व्यक्ति धान लाया। जिसमें धनेरिया आदि जीव हैं और कंकर भी हैं, उसे देखकर कहना कि जीव ही जीव उठा लाया। यह भाषा जीवित प्राणियों की अपेक्षा सत्य है और कंकर आदि की अपेक्षा असत्य है अतः मिश्रित है।
५. अजीव मिश्रित (अजीव मिस्सिया)- कोई व्यक्ति गेहूँ आदि धान लाया जिसमें कंकर भी
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