________________
सातवाँ उच्छ्वास पद - वैमानिक देवों में श्वासोच्छ्वास विरहकाल
000000000000000000000000000
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! ईशान नामक दूसरे देवलोक के देव कितने काल से श्वासोच्छ्वास
लेते हैं और छोड़ते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! ईशान देव जघन्य कुछ अधिक मुहुर्त्त पृथक्त्व और उत्कृष्ट कुछ अधिक दो पक्ष से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं।
सकुमार देवाणं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा?
गोयमा ! जहणेणं दोन्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं सत्तण्हं पक्खाणं आणमंति वा पाणमंति वा ऊससंति वा णीससंति वा ।
Jain Education International
२४७
000000000000000000000000000000000000000000000000000
भावार्थ प्रश्न हे भगवन्! सनत्कुमार नामक तीसरे देवलोक के देव कितने काल से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सनत्कुमार देव जघन्य दो पक्ष से और उत्कृष्ट सात पक्ष से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं।
माहिंदा देवा णं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा जाव णीससंति वा?
गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं दोण्हं पक्खाणं, उक्कोसेणं साइरेगं सत्तण्हं पक्खाणं आणमंति वा जाव णीससंति वा ।
भावार्थ- प्रश्न - हे भगवन् ! माहेन्द्र नामक चौथे देवलोक के देव कितने काल से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं ? .
उत्तर - हे गौतम! माहेन्द्र देव जघन्य से कुछ अधिक दो पक्ष से और उत्कृष्ट कुछ अधिक सात पक्ष से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं ।
बंभलोग देवा णं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा जाव णीससंति वा?
गोमा! जहणं सत्तण्हं पक्खाणं आणमंति वा जाव णीससंति वा उक्कोसेणं दसहं पक्खाणं आणमंति वाजाव णीससंति वा ।
भावार्थ - प्रश्न
हे भगवन् ! ब्रह्मलोक नामक पांचवें देवलोक के देव कितने काल से श्वासोच्छ्वास लेते हैं और छोड़ते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! ब्रह्मलोक देव जघन्य सात पक्ष से और उत्कृष्ट दस पक्ष से श्वासोच्छ्वास लेते
हैं और छोड़ते हैं।
लंतग देवा णं भंते! केवइकालस्स आणमंति वा जाव णीससंति वा ?
-
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org