________________
छठा व्युत्क्रांति पद - कुतो द्वार
गोयमा ! कम्मभूमि हिंतो उववज्जंतिस, णो अकम्मभूमि हिंतो उववज्जंति, णो अंतरदीवएहिंतो उववज्जंति ।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! नरकों में यदि मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं तो क्या कर्म भूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं या अकर्म भूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं या अन्तर द्वीप मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! कर्म भूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं किन्तु न तो अकर्म भूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं और न ही अन्तर द्वीपज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं।
जइ कम्मभूमिएहिंतो उववज्जंति किं संखिज्ज वासाउएहिंतो उववज्जंति, असंखिज्ज वासाउएहिंतो उववज्जंति ?
गोयमा ! संखिज्ज वासाउएहिंतो उववज्जंति, णो असंखिज्ज वासाउएहिंतो उववज्जंति ।
२०७
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! नरकों में यदि कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं तो क्या संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं या असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं किन्तु असंख्यातवर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं।
जड़ संखिज्जवासाउएहिंतो उववज्जंति किं पज्जत्तएहिंतो उववज्जंति, अपज्जत्तएहिंतो उववज्जंति ?
Jain Education International
*********◆◆◆◆◆◆◆◆
गोमा ! पज्जत्तएहिंतो उववज्जंति, णो अपज्जत्तएहिंतो उववज्जंति ।
भावार्थ- प्रश्न - हे भगवन्! नरकों में यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं तो क्या पर्याप्तकों से आकर उत्पन्न होते हैं या अपर्याप्तकों से आकर उत्पन्न होते हैं ? उत्तर - हे गौतम! पर्याप्तकों से आकर उत्पन्न होते हैं किन्तु अपर्याप्तकों से आकर उत्पन्न नहीं होते हैं । .
जड़ पज्जत्तय संखिज्जवासाउय कम्मभूमिएहिंतो उववज्जंति किं इत्थीहिंतो उववज्जंति, पुरिसेर्हितो उववज्जंति, णपुंसएहिंतो उववज्जंति ?
गोमा ! इत्थीहिंतो उववज्जंति, पुरिसेहिंतो उववज्जंति, णपुंसएहिंतो वि उववज्जंति । भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! यदि नरकों में पर्याप्तक संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org