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श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ साहित्य रत्नमाला का १०२ वाँ रत्न
प्रज्ञापना सूत्र
भाग-२ ( पद ४ - १२ )
(शुद्ध मूल पाठ, कठिन शब्दार्थ, भावार्थ एवं विवेचन सहित )
Jain Education International
सम्पादक
नेमीचन्द बांठिया पारसमल चण्डालिया
पकाशक
श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ, जोधपुर
© ( ०१४६२ ) २५१२१६, २५७६९९, फेक्स नं. २५०३२८
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