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________________ ************* क्रमांक विषय २६. असंख्यातप्रदेशी स्कन्ध के पर्याय २७. अनंत प्रदेशी स्कन्ध के पर्याय - २८. एक प्रदेशावगाढ पुद्गल के पर्याय २९. संख्यात प्रदेशावगाढ पुद्गल के पर्याय ३०. असंख्यात प्रदेशावगाढ पुद्गल पर्याय ३१. एक समय आदि की स्थिति वाले पुद्गल के पर्याय ३२. एक गुण काले आदि पुद्गलों के पर्याय ३३. जघन्य आदि अवगाहना वाले द्विप्रदेशी आदि पुद्गलों के पर्याय ३४. जघन्य आदि अवगाहना वाले त्रिप्रदेशी पुद्गलों के पर्याय ३५. जघन्य आदि अवगाहना वाले पृष्ठ संख्या क्रमांक १३६ ४२. १३६ १३७ ४३. चतुःप्रदेशी पुद्गलों के पर्याय ३६. जघन्य आदि अवगाहना वाले संख्यात प्रदेशी पुद्गल के पर्याय ३७. जघन्य आदि अवगाहना वाले असंख्यात प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय ३८. जघन्य आदि अवगाहना वाले अनंत प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय ३९. मध्यम अवगाहना वाले अनंत प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय ४०. जघन्य आदि स्थिति वाले परमाणु पुद्गलों के पर्याय ४१. जघन्य आदि स्थिति वाले द्विप्रदेशी स्कन्धों के पर्याय Jain Education International [10] विषय जघन्य आदि स्थिति वाले संख्यात प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय ***************** जघन्य आदि स्थिति वाले असंख्यात प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १३८ ४४. जघन्य आदि स्थिति वाले अनंत प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १३९ ४५. जघन्य गुण काले आदि परमाणु पुद्गलों के पर्याय १३९ ४६. जघन्य गुण काले द्विप्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १४० ४७. जघन्य गुण काले संख्यात प्रदेशी पुद्गलों के पर्याय १४२ ४८. जघन्य गुण काले असंख्यात प्रदेशी पुद्गलों के पर्याय १४३ ४९. जघन्य गुण काले, अनंत प्रदेशी पुद्गलों के पर्याय १४४ / ५०. जघन्यगुण कर्कश अनंत प्रदेशी स्कंधों के पर्याय पृष्ठ संख्या १४५ ५१. जघन्य गुण शीत परमाणु पुद्गलों के पर्याय १४६ ५२. जघन्य गुण शीत द्विप्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १४७ ५३. जघन्य गुण शीत संख्यात प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय For Personal & Private Use Only १४८५४. जघन्य गुण शीत असंख्यात प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १४९ ५५. जघन्य गुण शीत अनंत प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १५० ५६. जघन्य प्रदेशी स्कन्धों के पर्याय १५१ १५२ १५३ १५४ १५५ १५६. १५७ १५८ १५९ १६० १६१ १६२ १६३ १६४ १६६ www.jalnelibrary.org
SR No.004094
Book TitlePragnapana Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size9 MB
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