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प्रज्ञापना सूत्र
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एएसि णं भंते! तेउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा तेउकाइया अपज्जत्तगा तेउकाइया पज्जत्तगा संखिज्ज गुणा ॥
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भावार्थ - प्रश्न हे भगवन् ! पर्याप्तक और अपर्याप्तक तेजस्कायिकों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े अपर्याप्तक तेजस्कायिक हैं, उनसे पर्याप्तक तेजस्कायिक संख्यात गुणा है ।
एएसि णं भंते! वाउकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा! सव्वत्थोवा वाडकाइया अपज्जत्तगा, वाउकाइया पज्जत्तगा संखिज्ज गुणा ॥ भावार्थ- प्रश्न हे भगवन् ! पर्याप्तक और अपर्याप्तक वायुकायिकों में कौन किनसे अल्प, बहुत तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े अपर्याप्तक वायुकायिक हैं, उनसे पर्याप्तक वायुकायिक संख्यात गुणा हैं।
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एएसि णं भंते! वणस्सइकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा?
गोयमा ! सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा, वणस्सइकाइया पज्जत्तगा संखिज्ज गुणा ॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! पर्याप्तक और अपर्याप्तक वनस्पतिकायिकों में कौन किनसे अल्प बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? .
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े अपर्याप्तक वनस्पतिकायिक हैं उनसे पर्याप्तक वनस्पतिकायिक संख्यात गुणा हैं।
एएसि णं भंते! तसकाइयाणं पज्जत्तापज्जत्तगाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवा तसकाइया पज्जत्तगा, तसकाइया अपज्जत्तगा असंखिज्ज गुणा ॥ १५५ ॥
प्रश्न - हे भगवन्! पर्याप्तक और अपर्याप्तक त्रसकायिकों में कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
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