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२८०
प्रज्ञापना सूत्र
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दिसाणुवाएणं सव्वत्थोवा अहेसत्तमा पुढवी णेरइया पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं, दाहिणेणं असंखिज्ज गुणा।
दाहिणिल्लेहितो अहेसत्तमा पुढवी जेरइएहिंतो छट्ठीए तमाए पुढवीए णेरड्या पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज गुणा, दाहिणेणं असंखिज गुणा। दाहिणिल्लेहिंतो तमा पुढवी णेरइएहितो पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए णेरइया पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज गुणा दाहिणेणं असंखिज्ज गुणा दाहिणिल्लेहितो धूमप्पभा पुढवी जेरइएहितो चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए णेरइया पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज गुणा, दाहिणेणं असंखिज गुणा। दाहिणिल्लेहिंतो पंकप्पभा पुढवी रइएहितो तइयाए वालुयप्पभाए पुढवीए णेरड्या पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज गुणा, दाहिणेणं असंखिज्ज गुणा, दाहिणिल्लेहिंतो वालुयप्पभा पुढवी णेरइएहितो दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए णेरइया पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज्ज गुणा, दाहिणेणं असंखिज गुणा। दाहिणिल्लेहिंतो सक्करप्पभा पुढवी जेरइएहिंतो इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए णेरइया पुरच्छिम पच्चत्थिम उत्तरेणं असंखिज गुणा, दाहिणेणं असंखिज गुणा।। १४०॥
भावार्थ - दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े नैरयिक पूर्व पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े रत्नप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े शर्कराप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े वालुकाप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े पंकप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
_ दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े धूमप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
दिशाओं की अपेक्षा से सबसे थोड़े तमःप्रभा पृथ्वी के नैरयिक पूर्व, पश्चिम और उत्तर दिशा में हैं, उनसे दक्षिण दिशा में असंख्यात गुणा हैं।
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