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भगवती सूत्र - श. ३४ अवान्तर शतक १ उ. १ विग्रहगति
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दो समय या तीन समय की विग्रहगति से उत्पन्न होता है ?
३ उत्तर - हे गौतम! मैने सात श्रेणियाँ कही हैं। यथा-१ ऋज्वायता २ एकतोवा ३ उभयतोवका ४ एकतःखा ५ उभयतःखा ६ चक्रवाल और ७ अर्द्धचक्रवाल ।
जो पृथ्वीकायिक जीव ऋज्वायता श्रेणी से उत्पन्न होता है, वह एक समय की विग्रहगति से उत्पन्न होता है । जो एकतोवका श्रेणी से उत्पन्न होता है, वह दो समय की विग्रहगति से उत्पन्न होता है । जो उभयतोवा श्रेणी से उत्पन्न होता है, वह तीन समय की विग्रहगति से उत्पन्न होता है । इस कारण हे गौतम ! एक समय, दो समय या तीन समय की विग्रहगति से उत्पन्न होना कहा है ।
४ प्रश्न - अपज्जत्तसुहुम पुढविकाइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाप पुढवीर पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पचच्छिमिल्ले चरिमंते पज्जत्तसुहमपुढविकाइयत्ताए उववचित्त से णं भंते ! कहसमहणं विग्गणं उववज्जेज्जा ?
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४ उत्तर - गोयमा ! एगसमहणण वा सेसं तं चैव जांव से तेणट्टेणं जाव विग्गहेणं उववज्जेज्जा । एवं अपज्जत्तसुहुम पुढविकाइओ पुरच्छिमिल्ले चरिमंते समोहणावेत्ता पच्चच्छिमिल्ले चरिमंते बादरपुढविकाइएस अपज्जत्तरसु उववायव्वो, ताहे तेसु चैव पज्जत्तएसु ४ । एवं आउकाइएसु चत्तारि आलावगा - १ सुहुमेहिं अपज्जत्तएहिं २ ताहे पज्जत्तएहिं ३ बायरेहिं अपज्जत्तएहिं ४ ताहे पजत्त
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