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________________ क्षत्र द्वार २५ प्रश्न - सामाइयसंजए णं भंते! किं कम्मभूमीए होजा, अम्मभूमीए होजा ? २५ उत्तर - गोयमा ! जम्मणं संतिभावं पडुच कम्मभूमीए, णों अकम्मभूमीए - जहा उसे । एवं छेओवट्टावणिए वि । परिहारविसुद्धिए य जहा पुलाए, सेसा जहा सामाइयसंजए ( ११ ) । भावार्थ - २५ प्रश्न - हे भगवन् ! सामायिक संयत, कर्मभूमि में होते हैं या अकर्मभूमि में ? २५ उत्तर - हे गौतम ! जन्म और सद्भाव से वे कर्मभूमि में होते हैं, अकर्मभूमि में नहीं होते इत्यादि बकुश के समान । इसी प्रकार छेदोपस्थापनीय संयत भी । परिहारविशुद्धिक संयत, पुलाकवत् और सूक्ष्म- सम्पराय संयत तथा यथाख्यात संयत, सामायिक संयत के समान हैं ( ११ ) । काल द्वार . २६ प्रश्न - सामाइयसंजर णं भंते! किं ओसप्पिणीकाले होजा, उस्सप्पिणीकाले होज्जा, गोओसप्पिणी - गोउस्सप्पिणीकाले होज्जा ? : २६ उत्तर - गोयमा ! ओसप्पिणीकाले - जहा बउसे । एवं छेओवाणि वि । वरं जम्मणं संतिभावं पडुच्च चउसु वि पलिभागेसु णत्थि साहरणं पडुच अण्णयरे पलिभागे होज्जा, सेसं तं चैव । भावार्थ - २६ प्रश्न - हे भगवन् ! सामायिक संयत, अवसर्पिणी काल में, उत्सर्पिणी काल में या नोअवसर्पिणी- नोउत्सर्पिणी काल में होते हैं ? २६ उत्तर - हे गौतम ! अवसर्पिणी काल में होते हैं इत्यादि सभी कथन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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