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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ४ पुद्गल सकम्प-निष्कम्प
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याण य कयरे कयरे० जाव विसेसाहिया वा ?
१२५ उत्तर-गोयमा ! सम्बत्थोवा परमाणुपोग्गला सव्वेया, णिरेया असंखेजगुणा।
भावार्थ-१२५ प्रश्न-हे भगवन् ! सर्व-कम्पक और निष्कम्पक परमाणुपुद्गलों में कौन किससे यावत् विशेषाधिक हैं ?
१२५ उत्तर-हे गौतम ! सर्व-कम्पक परमाणु-पुद्गल सब से थोड़े हैं, उनसे निष्कम्पक परमाणु-पुद्गल असंख्यात गुण हैं।
१२६ प्रश्न-एएसि णं भंते ! दुपएसियाणं खंधाणं देसेयाणं, सब्वेयाणं, णिरेयाण य कयरे कयरे० जाव विसेसाहिया वा ?
१२६ उत्तर-गोयमा ! सव्वत्थोवा दुपएसिया खंधा सम्वेया, देसेया असंखेजगुणा, णिरेया असंखेजगुणा । एवं जाव असंखेजपएसियाणं खंधाणं।
भावार्थ-१२६ प्रश्न-हे भगवन् ! देश-कम्पक, सर्व-कम्पक और निष्कम्पक हिप्रदेशी स्कन्ध में कौन किससे यावत् विशेषाधिक हैं ?
. १२६ उत्तर-हे गौतम ! सर्व-कम्पक द्विप्रदेशी स्कन्ध सब से थोड़े हैं। उनसे देश-कम्पक असंख्यात गुण हैं और उनसे निष्कम्पक असंख्यात गुण हैं। इस प्रकार यावत् असंख्यात प्रदेशी स्कन्ध तक।
१२७ प्रश्न-एएसि णं भंते ! अणंतपएसियाणं खधाणं देसेयाणं, सम्वेयाणं, णिरेयाण य कयरे कयरे० जाव विसेसाहिया वा ?
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