SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 153
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३०४ भगवती सूत्र - २५ उ. ४ पुद्गल और युग्म ७४ प्रश्न - चउप्पए सिए णं - पुच्छा । ७४ उत्तर - गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे जाव सिय कलिओपरसोगाढे ४ । एवं जाव अनंतपएसिए । भावार्थ - ७४ प्रश्न - हे भगवन् ! चतुष्प्रदेशी स्कन्ध० ? ७४ उत्तर - हे गौतम ! कदाचित् कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ यावत् कदाचित् कल्यो प्रदेशावगाढ़ होता है। इसी प्रकार यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध पर्यंत । 3 ७५ प्रश्न - परमाणुपोग्गला णं भंते । किं कडजम्म- पुच्छा । ७५ उत्तर - गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, तेओग०, णो दावर०, णो कलिओग० । विहाणादेसेणं णो कडजुम्मपरसोगाढा, णो तेयोग०, जो दावर, कलिओगपरसोगाढ़ा। भावार्थ - ७५ प्रश्न - हे भगवन् ! परमाणु-पुद्गल (बहुत) कृतयुग्म • प्रदेशावगाढ़ हैं ० ? ७५ उत्तर - हे गौतम! ओघ देश से कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ हैं, ज्योज, द्वापरयुग्म और कल्योज प्रदेशावगाढ़ नहीं होते । विधानादेश से कृतयुग्म, suोज और द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ नहीं होते, कल्योज प्रदेशावगाढ़ होते हैं difie Jain Education International ७६ प्रश्न - दुप्पएसिया णं--पुच्छा ? ७६ उत्तर--गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढा, पो तेओग०, णोदावर०, णो. कलिओग० । विहाणादेसेणं णो कडजुम्मपरसोगाढा, णो तेओगपएसोगाढा, दावरजुम्मपएसो गाढा वि कलिओपएसो गाढा वि । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy