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________________ भगवती सूत्र-स.२५ उ.४ परमाणु आदि का अल्प-बहुत्व ३२८९ ५० प्रश्न-एएसि णं भंते ! एगपएसोगाढाणं दुपएसोगाढाण य पोग्गलाणं पएसट्ठयाए कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? ..५० उत्तर-गोयमा ! एगपएसोगादेहितो पोग्गलेहितो दुपए. सोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए विसेसाहिया, एवं जाव णवपएसोगाढे. हिंतो पोग्गलेहिंतो दमपएसोगाढा पोग्गला पएसट्टयाए विसेमाहिया, दसपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहितो संखेजपएसोगाढा पोग्गला पएसट्ठयाए बहुया, संखेजपएसोगाढेहिंतो पोग्गलेहितो असंखेजपएसोगाढा पोग्गलापएसट्टयाए बहुया । भावार्थ-५० प्रश्न-हे भगवन् ! एक प्रदेशावगाढ और द्विप्रदेशावगाढ़ पुद्गलों में प्रदेशार्थ से कौन किससे यावत् विशेषाधिक हैं ? । ५० उत्तर-हे गौतम ! एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों से द्विप्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेशार्थ रूप से विशेषाधिक हैं, यावत् नव प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों से दस प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेशार्थ से विशेषाधिक हैं। दस प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों से संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेशार्थ से बहुत हैं । संख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों से असंख्यात प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेशार्थ से बहुत हैं। ५१ प्रश्न-एएसि णं भंते ! एगसमयट्टिईयाणं दुसमयट्टिईयाण य पोग्गलाणं दबट्टयाए ? ५१ उत्तर-जहा ओगाहणाए वत्तव्यया एवं ठिईए वि । भावार्थ-५१ प्रश्न-हे भगवन् ! एक समय की स्थिति वाले और दो समय की स्थिति वाले पुद्गलों में द्रव्यार्थ से कौन किससे यावत् विशेषाधिक हैं ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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