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शतक २२
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ताले-गट्टिय-बहुबीयगा य, गुच्छा य गुम्म वल्ली य । छदस वग्गा एए, सट्ठि पुण होंति उद्देसा ॥
भावार्थ - इस शतक में छह वर्ग हैं। यथा-ताल, तमाल आदि वृक्षों के aur में दस उद्देशात्मक प्रथम वर्ग है। एक बीज वाले वृक्षों के विषय में दूसरा वर्ग है । बहुबीज फल वाले वृक्षों के सम्बन्ध में तीसरा वर्ग है । रींगंणी आदि गुच्छ वनस्पति के विषय में चौथा वर्ग है । सिरिय नवमालिका आदि गुल्म वनस्पति के विषय में पाँचवाँ वर्ग है । वल्लि आदि बेल के विषय में छठा वर्ग है । प्रत्येक वर्ग में दस-दस उद्देशक हैं। ये सब मिला कर ६० उद्देशक हैं ।
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