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भगवती सूत्र-श. २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
लहुए देसे सीए देसे उसिणे । एवं णिघेण वि समं चउसटुिं भंगा कायब्वा । सव्वे लुफ्खे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे । एवं लुक्खेण वि समं चउसद्धिं भंगा कायब्वा जोव सव्वेलुक्खे देसा काखडा देसा मउया देसा गरुया देसा लहु या देसा सीया देसा उसिणा। एवं सत्तफासे पंच बारसुत्तरा भंगसया भवंति । १५
____ जब वह सात स्पर्श वाला होता है, तो (१) सर्व कर्कश, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है । ४-४-कदाचित् सर्व कर्कश, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होते हैं। (इस प्रकार चार भंग कहने चाहिये) (२) कदाचित् सर्व कर्कश, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत, अनेक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के चार भंग । (३) कदाचित् सर्व कर्कश, एक देश गुरुं, एक देश लघु, अनेक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के चार भंग । (४) कदाचित् सर्व कर्कश, एक देश गुरु, एक देश लघु, अनेक देश शीत, अनेक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के चार भंग। ये सब १६ भंग होते हैं । (२) कदाचित् सर्व कर्कश, एक देश गुरु, अनेक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है। इस प्रकार 'गुरु' पद को एक वचन में और 'लघु' पद को अनेक (बहु) वचन में रख कर पूर्ववत् सोलह भंग यहां भी कहने चाहिये। (३) कदाचित् सर्व कर्कश, अनेक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के १६ मंग।(४) कदाचित् सर्व कर्कश, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष के १६ भंग । ये ६४ भंग हुए। ये ६४ भंग · सर्व कर्कश' के साथ बने
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