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भगवती सूत्र-श. २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
है । इस प्रकार यावत् सर्व मृदु सर्व उष्ण, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघु, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होते हैं। यह चौसठवां भंग है। इस प्रकार इसके भी ६४ भंग होते हैं। कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व स्निग्ध, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत और एक देश उष्ण होता है, यावत् कदाचित् सर्व मदु, सर्व रूक्ष, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघ, अनेक देश शीत और अनेक देश उष्ण होते हैं । यह चौसठवां भंग है । इस प्रकार यहां भी ६४ भंग होते हैं । कदाचित् सर्व गुरु, सर्व शीत, एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश स्निग्ध
और एक देश रूक्ष होता है । इस प्रकार यावत् सर्व लघु, सर्व उष्ण, अनेक देश कर्कश, अनेक देश मृदु, अनेक देश स्निग्ध और अनेक देश रूक्ष होते हैं। यह चौसठवां भंग है । इस प्रकार यहां भी ६४ भंग होते हैं । कदाचित् सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश कर्कश, एक देश मदु, एक देश शीत और एक देश उष्ण होता है । इस प्रकार यावत् कदाचित् सर्व लघ, सर्व रूक्ष, अनेक देश कर्कश, अनेक देश मृदु, अनेक देश शीत और अनेक देश उष्ण होते है। यह चौसठवां भंग है । इस प्रकार यहां भी ६४ भंग होते हैं। कदाचित् सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश गुरु और एक देश लघु होता है । इस प्रकार याक्त् कदाचित् सर्व उष्ण, सर्व रूक्ष, अनेक देश कर्कश, अनेक देश मदु, अनेक देश गुरु और अनेक देश लघु होता है। यह चौसठवां भंग है । इस प्रकार यहाँ पर भी ६४ भंग होते हैं । ये सब मिला कर छह स्पर्श सम्बन्धी ३८४ भंग होते हैं।
जइ सत्तफासे सव्वे कावडे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देने उसिणे देसे णिधे देसे लुक्खे १, सब्वे कक्खडे देसे गरुए देसे लहुए
देमे सीए देमे उमिणे देसा णिद्धा देसा लुक्खा ४, सब्वे कक्खडे देसे । गरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे णिधे देसे लुक्खे ४, सब्वे
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