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भगवती सूत्र-ग. १३ उ. ४ पंचास्तिकायमय लोक
प्रश्न-हे भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के कितने प्रदेशों से स्पष्ट होते हैं ? उत्तर-हे गौतम ! अनन्त प्रदेशों से स्पष्ट होते हैं। प्रश्न-हे भगवन् ! कितने अद्धा-समयों से स्पष्ट होते हैं ?
उत्तर-हे गौतल ! कदाचित् स्पष्ट होते हैं और कदाचित् स्पृष्ट नहीं होते । यावत् अनन्त समयों से स्पष्ट होते है।
२७ प्रश्न-असंग्वेजा भंते ! पोग्गलस्थिकायपएसा केवइएहिं धम्मत्थिकायपएसेहिं० १
२७ उत्तर-जहण्णपए तेणेव असंखेजएणं दुगुणेणं दुरूवा. हिएणं, उक्कोसपए तेणेव असंखेजएणं पंचगुणेणं दुरूवाहिएणं, मेसं जहा संखेजाणं जाव णियमं अर्णतेहिं ।
२८ प्रश्र-अणंता भंते ! पोग्गलत्थिंकायपएसा केवइएहिं धम्मत्थिकाय ?
२८ उत्तर-एवं जहा असंखेजा तहा अणंता वि गिरवसेसं ।
२९ प्रश्न-एगे भंते ! अद्धासमए केवइएहिं धम्मत्थिकायपए. सेहिं पुढे।
२९ उत्तर-सत्तहिं । प्रश्न-केवइएहिं अहम्मत्थि० ? उत्तर-एवं चेव, एवं आगासत्थिकाएहि वि । प्रश्न-केवइएहिं जीवत्थिकाय ?
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