________________
शतक १० क्रमांक विषय पृष्ठ | क्रमांक विषय
पृष्ठ उद्देशक १
उद्देशक ४ ३७४ दिशाओं का स्वरूप १७८३ | ३८२ चमरेन्द्र के त्रायस्त्रिशक देव . १८०९ ३७५ शरीर
१७९० / ३८३ बलिन्द्र के त्रायस्त्रिशक देव १८१४ उद्देशक २
३८४ शक्रेन्द्र के त्रास्त्रिशक देव १८१६ ३७६ कषायभाव में सांपरायिकी क्रिया १७९१
उद्देशक ५ ३७७ योनि और वेदना
३८५ चमरेन्द्र का परिवार १७९३
१०१९ ३७८ भिक्षुप्रतिमा और आराधना १७९७
३८६ बलींद्र का परिवार ... १८२५
३८७ व्यन्तरेन्द्रों का परिवार १८३० उद्देशक ३
३८८ ज्योतिषेन्द्र का परिवार १८३५ ३७६ देव की उल्लंघन शक्ति १८००
उद्देशक ६ ३८० देवों के मध्य में होकर निकलने
३८९ शक्रेन्द्र की सभा एवं ऋद्धि १८३९ की क्षमता
१८०१ ३८१ अश्व की खु-खु ध्वनि और
उद्देशक ७ से ३४ भाषा के भेद
१८०६ | ३९० एकोरुक आदि अन्तरद्वीप १८४१
शतक ११ उद्देशक १
| उद्देशक ५ ३९१ उत्पल के जीव
१८४३ | ३९५ नालिक के जीव उद्देशक २
उद्देशक ६ ३९२ शालूक के जीव
| ३९६ पद्म के जीव
१८७१ उद्देशक ३
उद्देशक ७ ३६३ पलास के जीव १८६७ | ३९७ कणिका के जीव १८७१ उद्देशक ४
उद्देशक ८ ३९४ कुंभिक के जीव १८६९ | ३९८ नलिन के जीव
१८७२
१८०१
१८७०
१८६६
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org