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भगवती सूत्र-श. १२ उ. १० परमाणु आदि की सद्रूपता
में १३ भंग पाये जाते हैं यथा-३ असंयोगी, ९ दो संयोगी (चौथा, आठवां और बारहवां, ये तीन भंग छोड़कर, शेप ९) । तीन संयोगी १ (पहला मंग) ।
चतुष्प्रदेशी स्कन्ध में १९ भंग पाये जाते हैं, यथा-: असंयोगी, १२ दो संयोगी और ४ तीन संयोगी, (पहला, दूसरा, तीसरा, पांचवां) ।
पञ्चप्रदेशी स्कन्ध में २२ भंग पाये जाते हैं, यथा-असंयोगी १२ दोसंयोगी और ७ तीन संयोगी (आठवां भंग छोड़कर शेष सात)।
छह प्रदेशी स्कन्ध में २३ भंग पाये जाते हैं। इसी प्रकार सात प्रदेशी स्कन्ध में आठ प्रदेशी स्कन्ध में यावत् अनन्त प्रदेशी स्कन्ध में, प्रत्येक में तेईस-तेईस भंग पाये जाते हैं।
॥ वारहवें शतक का दसवाँ उद्देशक सम्पूर्ण
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बारहवां शतक सम्पूर्ण
चतुर्थ भाग सम्पूर्ण
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