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भगवती सूत्र-१२ उ. १० आत्मा के आट मेद और उनका गन्यन्ध
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३ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार द्रव्यात्मा और कषावात्मा का सम्बन्ध कहा है, उसी प्रकार द्रव्यात्मा और योगात्मा का सम्बन्ध कहना चाहिये।
४ प्रश्न-हे भगवन् ! जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके उपयोग आत्मा होती है और जिसके उपयोगात्मा होती है, उसके द्रव्यात्मा होती है ? इस प्रकार सभी आत्माओं के सम्बन्ध में प्रश्न करना चाहिये।
४ उत्तर-हे गौतम ! जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके उपयोगात्मा अवश्य होती है और जिसके उपयोगात्मा होती है, उसके द्रव्यात्मा अवश्य होती है। जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके ज्ञानात्मा भजना (विकल्प) से होती है । अर्थात् कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं भी होती । जिसके ज्ञानात्मा होती है, उसके द्रव्यात्मा अवश्य होती है। जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके दर्शनात्मा अवश्य होती है। जिसके दर्शनात्मा होती है, उसके द्रव्यात्मा अवश्य होती है । जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके चारित्रात्मा भजना से होती है और जिसके चारित्रात्मा होती है, उसके द्रव्यात्मा अवश्य होती है। जिसके द्रव्यात्मा होती है, उसके वीर्यात्मा भजना से होती है और जिसके वीर्यात्मा होती है, उसके . . द्रव्यात्मा अवश्य होती है।
..५ प्रश्न-जस्स णं भंते ! कसायाया तस्स जोगाया-पुच्छा ।
५ उत्तर-गोयमा ! जस्स कसायाया तस्स जोगाया णियमं अत्थि, जस्स पुण जोगाया तस्स कसायाया सिय अत्थि सिय णत्थि, एवं उवओगायाए वि समं कसायाया णेयव्वा, कसायाया य णाणाया य परोप्परं दो वि भइयवाओ, जहा कसायाया य उव. ओगाया य तहा कसायाया य दंसणाया य कसायाया य चरित्ताया य दो वि परोप्परं भइयव्वाओ, जहा कसायाया य जोगाया य
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